मेरी उम्मीद वहीं तक है
तेरा हौसला जहां तक मुझे राह दिखाता है।
मेरी सादगी वहीं तक है
तेरी संजीदगी जहां तक मुझे बेपरवाह बनाती है।
मेरी चमक वहीं तक है
तेरी चांदनी जहां तक इसे रोशनी दिखाती है।
मेरी शराफत वहीं तक है
तेरी हसी जहां तक इन्हें रास्ता दिखाती है।
मेरे गीत वहीं तक है
तेरे लफ्ज़ जहां तक इसके सुरों को सजाते है।
मेरी शायरी वहीं तक है
तेरे एहसास जहां तक इन्हें अल्फ़ाज़ बनाते है।
मेरी सुबहें वहीं शाम भी वहीं तक है
तेरा नाम जहां तक मेरे अज़ानों में सजते है।
मेरी मंजिलें भी वहीं तक है
तेरा रुतबा जहां तक मुझे ऊंचाईयां दिखाता है।
और मेरी इबादतें भी वहीं तक है
मेरे इश्क़ की बेनाम डगर जहां तुझे ख़ुदा बनाती है।
तेरा हौसला जहां तक मुझे राह दिखाता है।
मेरी सादगी वहीं तक है
तेरी संजीदगी जहां तक मुझे बेपरवाह बनाती है।
मेरी चमक वहीं तक है
तेरी चांदनी जहां तक इसे रोशनी दिखाती है।
मेरी शराफत वहीं तक है
तेरी हसी जहां तक इन्हें रास्ता दिखाती है।
मेरे गीत वहीं तक है
तेरे लफ्ज़ जहां तक इसके सुरों को सजाते है।
मेरी शायरी वहीं तक है
तेरे एहसास जहां तक इन्हें अल्फ़ाज़ बनाते है।
मेरी सुबहें वहीं शाम भी वहीं तक है
तेरा नाम जहां तक मेरे अज़ानों में सजते है।
मेरी मंजिलें भी वहीं तक है
तेरा रुतबा जहां तक मुझे ऊंचाईयां दिखाता है।
और मेरी इबादतें भी वहीं तक है
मेरे इश्क़ की बेनाम डगर जहां तुझे ख़ुदा बनाती है।
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