खामोशियां एक आवाज़ है,
खामोशियां एक अल्फ़ाज़ है
खामोशियां एक साज़ है
जिसकी धुन पे नाचती रात है
खामोशियां एक राज़ है
सन्नाटे सुनने को जिसे बेताब है
खामोशियां यादों की एक बूंद है
ओस से लिपटी जिसकी
हर सुबह और वही अकेली शाम है।
खामोशियां एक अल्फ़ाज़ है
खामोशियां एक साज़ है
जिसकी धुन पे नाचती रात है
खामोशियां एक राज़ है
सन्नाटे सुनने को जिसे बेताब है
खामोशियां यादों की एक बूंद है
ओस से लिपटी जिसकी
हर सुबह और वही अकेली शाम है।
Like our page on Facebook
Comments
Post a Comment